
गिलोय, जिसे वैज्ञानिक रूप से टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया (Tinospora cordifolia) और आयुर्वेद में “अमृता” या “गुडूची” के नाम से जाना जाता है, बुखार के प्रबंधन में इसकी प्रभावशीलता के लिए एक अत्यधिक सम्मानित आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। इसे इसके मजबूत प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले, सूजन-रोधी और ज्वरनाशक (बुखार कम करने वाले) गुणों के लिए सराहा जाता है।
गिलोय बुखार में कैसे काम करती है?
गिलोय बुखार के प्रबंधन में कई तरीकों से काम करती है:
- ज्वरनाशक गुण (Antipyretic Properties): गिलोय में ऐसे यौगिक होते हैं जो शरीर के तापमान को कम करने में मदद करते हैं, जिससे बुखार में राहत मिलती है। यह बुखार के कारण होने वाली बेचैनी को कम करने में सहायक है।
- प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुण (Immunity-Boosting Properties): बुखार अक्सर संक्रमणों के कारण होता है। गिलोय शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करती है, जिससे शरीर को संक्रमणों से अधिक प्रभावी ढंग से लड़ने में मदद मिलती है। यह सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाती है और मैक्रोफेज (विदेशी तत्वों और सूक्ष्मजीवों से लड़ने वाली कोशिकाएं) की गतिविधि को बढ़ाती है, जिससे प्रारंभिक रिकवरी में मदद मिलती है।
- सूजन-रोधी गुण (Anti-inflammatory Properties): बुखार के साथ अक्सर शरीर में सूजन और दर्द होता है। गिलोय के सूजन-रोधी गुण इस सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे बुखार से जुड़े दर्द और बेचैनी से राहत मिलती है।
- पाचन में सुधार (Improved Digestion): आयुर्वेद के अनुसार, बुखार का एक कारण “आम” (विषाक्त पदार्थ) का संचय हो सकता है। गिलोय अपने दीपन (भूख बढ़ाने वाले) और पाचन (पाचन में सुधार करने वाले) गुणों के कारण पाचन और अवशोषण में सुधार करती है, जिससे “आम” के निर्माण को रोका जा सकता है और बुखार को कम करने में मदद मिलती है।
- प्लेटलेट काउंट बढ़ाना: डेंगू जैसे वायरल बुखार में प्लेटलेट काउंट में गिरावट एक आम और गंभीर समस्या है। कई अध्ययनों और पारंपरिक उपयोगों से पता चला है कि गिलोय प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में मदद कर सकती है, जो विशेष रूप से डेंगू बुखार के प्रबंधन में फायदेमंद है।
विभिन्न प्रकार के बुखार में प्रभावशीलता?
गिलोय को विभिन्न प्रकार के बुखारों में प्रभावी माना जाता है, जिनमें शामिल हैं:
- वायरल बुखार: सामान्य वायरल बुखार, फ्लू और अन्य वायरल संक्रमणों में यह प्रतिरक्षा को मजबूत कर और लक्षणों को कम कर मदद करती है।
- डेंगू बुखार: डेंगू के लिए यह एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक उपचार है, क्योंकि यह बुखार कम करने और प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में सहायक मानी जाती है।
- मलेरिया: मलेरिया के बुखार में भी इसके उपयोग का उल्लेख मिलता है, जो संक्रमण से लड़ने और बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद करती है।
- पुराना और बार-बार होने वाला बुखार: गिलोय को क्रोनिक और आवर्ती बुखार के प्रबंधन में विशेष रूप से उपयोगी माना जाता है, क्योंकि यह शरीर की आंतरिक शक्ति को बढ़ाती है।
उपयोग और खुराक?
गिलोय विभिन्न रूपों में उपलब्ध है, जैसे:
- जूस: आमतौर पर 10-20 मिलीलीटर जूस को पानी के साथ सुबह खाली पेट लेने की सलाह दी जाती है।
- काढ़ा (क्वाथ): गिलोय के तने के टुकड़ों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाया जाता है।
- पाउडर (चूर्ण): ½ से 1 चम्मच पाउडर को शहद या गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है।
- वटी/कैप्सूल: ये तैयार रूप में उपलब्ध होते हैं, जिनकी खुराक चिकित्सक की सलाह के अनुसार लेनी चाहिए।
सावधानियां और दुष्प्रभाव?
हालांकि गिलोय को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए या चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
- ऑटोइम्यून बीमारियों (जैसे रूमेटाइड आर्थराइटिस) से पीड़ित लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय कर सकती है।
- मधुमेह के रोगियों को रक्त शर्करा के स्तर की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए, क्योंकि गिलोय रक्त शर्करा को कम कर सकती है, और यह मधुमेह की दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकती है।
- कुछ लोगों में कब्ज या पेट में जलन जैसे हल्के दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
- किसी भी सर्जरी से कम से कम दो सप्ताह पहले इसका सेवन बंद कर देना चाहिए, क्योंकि यह रक्त शर्करा को प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष:
गिलोय बुखार के प्रबंधन में एक प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, खासकर इसकी प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले, ज्वरनाशक और सूजन-रोधी गुणों के कारण। यह शरीर को संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है और बुखार के लक्षणों से राहत प्रदान करती है। हालांकि, किसी भी हर्बल उपचार की तरह, इसका उपयोग करने से पहले एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक या स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से सलाह लेना हमेशा उचित होता है, खासकर यदि आप पहले से कोई दवा ले रहे हैं या कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति है।
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